मुख्‍यमंत्री के क्षेत्र के एक गांव के पूरे ग्रामीणों ने रखा उपवास, बच्‍चों ने नहीं लगाया मिड डे मील को हाथ

चार साल पहले प्रदेश में बिजली पानी और सड़क को लेकर बनी सरकार की हालत क्‍या है ये बात इसी से पता चल जाती है कि मुख्‍यमंत्री के क्षेत्र में पड़ने वाले एक गांव के ग्रामीण उन्‍हीं को सदबुद्धि देने के लिये उपवास कर रहै हैं और वो भी एक सड़क को लकर ही ।

मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुदनी के रेहटी के समीप के गांव मांजरकुई के ग्रामीणो ने उपवास रखा और आमरण अनशन प्रारंभ कर दिया है । उपवास की स्थिति ये थी कि पूरे गांव में किसी भी घर में चूल्‍हा नहीं जला और तो और स्‍कूल जाने वाले बच्‍चों ने भी उपवास में अपने माता पिता का साथ दिया । इस प्रकार से कि उन्‍होंने स्‍कूल में बनने वाले मिड डे मील को हाथ भी नहीं लगाया और पूरा का पूरा खाना शाम तक वैसा ही पड़ा रहा । दरअस्‍ल में गांव को लेकर मुख्‍यमंत्री ने कई बार सड़क निर्माण की घोषण कर दी है पर ग्रामीणों का कहना है कि घोषणा के वल घोष्‍णा ही रहती है और अभी तक तो कोई भी कार्यवाही नहीं हो पाई है । और अब चुनाव का साल भी आ गया पर कुछ नहीं हो पाया । बार बार मुख्‍यमंत्री के पास फरियाद लगाते लगाते ग्रामीण थक गए तो आखिरकार उन्‍होंनें । उपवास का रास्‍ता अपनाया । पूर्व घोषणा के अनुसार गुरूवार से ये ग्रामीण अनशन पर बैठ गए । पहले दिन पूरा गांव जुट गया और पूरे के पूरे गांव ने ही उपवास रखा । और उसके साथ दो लोग अनशन पर बैठ गए तथा पांच लोगों ने भूख हड़ताल प्रारंभ करदी है । 65 साल के बाबूलाल अनशन पर बैठे हैं । एक दिन पहले ही मुख्‍यमंत्री ने सड़क टारगेट अधूरा रहने को लेकर अधिकारियों का फटकार लगाई है और लगाएं भी क्‍यों न जब स्थिति ये बन रही हो कि उनके ही क्षेत्र की जनता को सड़क के लिये अमरण अनशन करना पड़ रहा हो तो पूरे प्रदेश ही हालत क्‍या होगी अनुमान लगाया जो सकता है

1 comments:

Shastri JC Philip said...

आपने इस लेख को "फुल जस्टिफाई" किया है. यह इंटरनेट एस्क्प्लोरर में तो सही दिखता है, लेकिन फायरफाक्स में इसका एक शब्द भी नहीं पढा जाता है. सारे के सारे अक्षर खंडित हैं.

चूंकि आज जाल पर 50% अधिक फायरफाक्स या उसके इंजन पर अधारिक ब्राउसरों का प्रयोग करते हैं, अत: हिन्दीजगत के आधे से अधिक लोग आप का चिट्ठा नहीं पढ पाते.

जब कोई चिट्ठा पढने की स्थिति में नहीं है तो लोग उसे छोड कर आगे बढ जाते हैं. उनको कोई नुक्सान नहीं लेकिन चिट्ठाकार को नुक्सान है क्योंकि जिन लोगों के लिये उसने मेहनत से यह चिट्ठा तय्यार किया है उसमें से आधे लोग इसे पढ नहीं पाते हैं.

कृपया भविष्य में सिर्फ "लेफ्ट जस्टिफाई" का प्रयोग करें जिस से आपके चिट्ठे पर आने वाले 100% लोग इसे पढ सकें.