पत्रिका ने फिर की एक भूल, आंकड़ों को उल्‍टा सीधा कर दिया

पत्रिका अपनी शुरूआत के साथ ही गलतियों को करने में आगे रहा समाचार पत्र है । मजे की बात ये है कि इस समाचार पत्र ने अपनी गलतियों से कोई सबक नहीं लिया और ग़लतियों पर ग़लतियां करते जो रहे हैं । यही कारण है कि पत्रिका को भोपाल में आने के बाद जो स्‍थान मिल जाना था वो नहीं मिल पाया है । पत्रिका ने 31 अक्‍टूबर के जागो जनमत में सीहोर के आंकड़े दिये हैं इन आंकड़ों में निर्दलीय प्रत्‍याशी जसपाल अजीत सिंह अरोरा को सपा का उम्‍मीदवार बताया गया है जबकि जसपाल अरोरा निर्दलीय चुनाव ''बल्‍ला'' निशान लेकर लड़े थे । दूसरी ग़लती ये की गई है कि अरोरा को मिले मतों की संख्‍या बताई गई है 15995 ये आंकड़ा असल आंकडे के कहीं आस पास भी नहीं है ये उससे बहुत दूर का आंकड़ा असल आंकड़ा है 4613 । लगभग पांच हजार को लगभग सोलह हजार बताना एक ऐसी भूल है जिसको लेकर पत्रिका चाहे भी तो कोई सफाई नहीं दे सकती है । एक और मजे की बात ये है कि नए दावेदार में जो नाम दिये गये हैं उनमें कांग्रेस की सूची में वे दोनों ही नाम नहीं हैं जिनका नाम सबसे ऊपर चल रहा है ये नाम हैं सुरेंद्र सिंह ठाकुर और अखिलेश राय ।

कुल मिलाकर स्थिति ये है कि आंकड़ों को लेकर ग़लतियों को दोहराने में एक बार फिर पत्रिका वहीं खड़ी है । 

आचार संहिता के बाद भी लाल बत्‍ती में घूमे मंत्री जी, पत्रकार ने खबर उठाई तो दी जान से मारने की धमकी

भाजपा सरकार के मंत्री श्री करण सिंह वर्मा को शायद पता नहीं है कि प्रदेश में आचार संहिता लग चुकी है । शायद समाचार पत्र पढ़ने का उनको समय ही नहीं मिलता है । खैर जो भी हो बात ये है कि मंत्री महोदय इस बात से बेखबर कि आचार संहिता लग चुकी है धड़ल्‍ले से अपनी कार पे लाल बत्‍ती लगा कर घूम रहे थे । एक दो ने टोका तो उनका जवाब था कि आचार संहिता का मतलब ये थोड़े ही है कि मंत्री की भी लाल बत्‍ती हटा दो । खैर मंत्री जी भूल गये कि अब तो इलेक्‍ट्रानिक मीडिया का युग है हर चीज कैमरे की आंख पर चढ़ी हुई है । ईटीवी के संवाददाता अंकुर तिवारी ने पूरे मामले को कैमरे में कैद कर लिया और बात की बात में मंत्री जी का मामला सुर्खियों में आ गया । टीवी पर जब मंत्री जी के आचार संहिता के उल्‍लंघन के दृष्‍य आने लगे तब मंत्री जी को लगा के ग़लती हो गई । समाचार रुकवाने का प्रयास किया गया मगर जितना प्रयास किया उतना ही समाचार आने लगा । बस फिर क्‍या था मंत्री जी के चमचों ने धमकी वाली भाषा अपना ली और अंकुर तिवारी को कहा कि यदि समाचार बंद नहीं हुआ तो जान से मार कर फैंक देंगें । खैर फिलहाल तो अंकुर तिवारी  ने कोतवाली में अज्ञात दूरभाष से आई धमकी को लेकर रिपोर्ट दर्ज करवा दी है । अब मामला चुनाव आयोग के पाले में चला गया है ।

इस ऐतिहासिक विमोचन में अपनी भी भागीदारी दें ''स्‍वागत करें अंधेरी रात का सूरज का

सजीव जी ने जो कार्य किया है वह अद्भुत है उसके लिये मैं प्रशंसा में कुछ भी नहीं कह सकता बस ये ही कह सकता हूं कि एक बार वहां ज़रूर जायें और अपनी टिप्‍पणी ज़रूर छोड़ें । आपकी कही हुई बात सजीव जी के लिये पारीश्रमिक होगी एक ऐसे काम का जिसकी कोई कीमत ही नहीं लगाई जा सकती है । आप भी http://podcast.hindyugm.com/2008/10/andheri-raat-ka-sooraj-vimochan-online.html यहां ज़रूर जायें और अपने हाथों से विमोचन करें राकेश जी की पुस्‍तक का ।