इस ऐतिहासिक विमोचन में अपनी भी भागीदारी दें ''स्‍वागत करें अंधेरी रात का सूरज का

सजीव जी ने जो कार्य किया है वह अद्भुत है उसके लिये मैं प्रशंसा में कुछ भी नहीं कह सकता बस ये ही कह सकता हूं कि एक बार वहां ज़रूर जायें और अपनी टिप्‍पणी ज़रूर छोड़ें । आपकी कही हुई बात सजीव जी के लिये पारीश्रमिक होगी एक ऐसे काम का जिसकी कोई कीमत ही नहीं लगाई जा सकती है । आप भी http://podcast.hindyugm.com/2008/10/andheri-raat-ka-sooraj-vimochan-online.html यहां ज़रूर जायें और अपने हाथों से विमोचन करें राकेश जी की पुस्‍तक का ।

1 comments:

Udan Tashtari said...

dekha-Adbhut.

Aapko janam din ki hardik badhai evam shubhkamnaayen. Mithai, Massab??