आपसे पूछा जाये कि हमारे भारत का राष्ट्रीय पुष्प क्या है तो आप तुरंत बता देंगें कि कमल है । आपसे पूछा जाये कि राष्ट्रीय पशु कौन सा है तो आप बिना झिझके बता देंगें कि राष्ट्रीय पशु है बाघ । किन्तु यदि आपसे पूछा जाये कि भारत की राष्ट्रीय मिठाई क्या है, तो आप शायद सोच में पड़ जाएंगें । सोच में पड़ने वाली बात है भी क्योंकि ऐसा अभी तक कहीं भी नहीं सुना गया । यदि आप भारत सरकार के पास यहां http://bharat.gov.in/knowindia/national_symbols.php जानकारी लेने जाएंगें तो भी आपको मिठाई का जिक्र नहीं मिलने वाला । आप हैरत में डूबें उससे पहले ही सीहोर के शिक्षा विभाग ने आपकी समस्या का हल निकाल दिया है और ये हल उन्होंने 55 वीं राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता 2009 के समापन पर प्रकाशित की गई अपनी स्मारिका में दिया है । ये स्मारिका जिसकी स्मारिका समिति की अध्यक्ष सीहोर की अपर कलेक्टर हैं तथा जिसके कोर ग्रुप में जिला शिक्षा अधिकारी, तीन प्राचार्य, डीपीसी, तथा दो संयुक्त संचालक शिक्षा शामिल थे इसके संपादक भी एक प्राचार्य थे तथा मार्गदर्शक संयुक्त कलेक्टर थे । उस स्मारिका में कोई भी बात ग़लत तो छापी ही नहीं जा सकती । क्योंकि जिले के शिक्षा के सारे कर्णधार उससे जुड़े थे । तो उसी स्मारिका के 13 वें पृष्ठ पर ये जानकारी दी गई है ।
राष्ट्रीय खेल – हाकी
राष्ट्रीय भाषा- हिन्दी
राष्ट्रीय वाक्य- सत्यमेव जयते
राष्ट्रीय ग्रंथ- गीता ( ये भी आज ही पता चला )
राष्ट्रीय मंत्र- ओम ( ये कब बना )
राष्ट्र पिता - महात्मा गांधी
राष्ट्रीय धर्म - धर्म निरपेक्ष ( अच्छा तो फिर गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ क्यों बनाया )
राष्ट्रीय मुद्रा – रुपया
राष्ट्रीय पुरुस्कार - भारत रत्न ( ऐसा क्या )
राष्ट्रीय फल –आम
राष्ट्रीय वृक्ष- बरगद
राष्ट्रीय मिठाई- जलेबी( वाह क्या ढूंढ के निकाला है )
राष्ट्रीय पर्व - 15 अगस्त, 26 जनवरी, 2 अक्टूबर
राष्ट्रीय नदी- गंगा
राष्ट्रीय लिपि- देवनागरी ( ये भी आज ही पता चला )
राष्ट्रीय चक्र ध्वज – तिरंगा
राष्ट्रीय गान – जन गण मन
राष्ट्रीय गीत - वंदे मातरम
राष्ट्रीय पशु- बाघ
राष्ट्रीय पक्षी – मोर
राष्ट्रीय पुष्प- कमल का फूल
राष्ट्रीय केलेण्डर -शक संवत
राष्ट्रीय जलचर - गंगा की डालफिन
भारत सरकार की साइट http://india.gov.in/knowindia/national_symbols.php पर केवल बारह ही राष्ट्रीय प्रतीकों राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय पक्षी, राष्ट्रीय पुष्प, राष्ट्र–गान, राष्ट्रीय नदी, राष्ट्रीय फल, राजकीय प्रतीक, राष्ट्रीय पंचांग, राष्ट्रीय पशु, राष्ट्रीय गीत, राष्ट्रीय खेल, राष्ट्रीय पेड़ की बात है किन्तु सीहोर के शिक्षा विभाग ने इसे दुगना कर दिया है अब 24 राष्ट्रीय प्रतीक हैं इनमें से राष्ट्रीय जलचर गंगा की डाल्फिन को चूंकि अभी स्थान दिया गया अत: माना जा सकता है 11 नये राष्ट्रीय प्रतीक सीहोर के शिक्षा विभाग बना दिये हैं । आप माने या न मानें ।
11 comments:
नए प्रतिकों के लिए बधाई. जलेबी खिलाएं :)
इस कल्पनाशीलता को नमन -मैंने मान भी लिया ! अब जलेबी खिलाईये मुझे भी !
और कहीं हो या न हो, हमारे मालवा में तो जलेबी ही राष्ट्रीय मिठाई है, सुबह से देर रात तक जमकर चेपते हैं लोग… न सिर्फ़ खाते हैं बल्कि बोल-बोलकर खाते हैं कि "इमरती अमीरों की, जलेबी गरीबों की"… ठीक वैसे ही, जैसे दीवाली अमीरों की, होली गरीबों की… :)
लगता है जितने गुणी जन हैं भारत में सबके सब सीहोर के शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं...एक आध दूसरे राज्यों को भेज दिए जाएँ ताकि उनके भी दिन फिरें...इतनी महत्वपूर्ण जानकारी सिर्फ एक जिले के बच्चों युवाओं को मिले (बुजुर्गों को इस से कोई लेना देना नहीं होता) ये बहुत बड़ी ना इंसाफी है...आप को इस बात का ध्यान प्रधान मंत्री जी को दिलाना चाहिए बशर्ते वो खुद न कह दें की जो स्मारिका में छपा है उसमें गलत क्या है?
नीरज
क्यों नहीं मानेंगे जब आप कह रहे हैं तो मानना ही पडेगा।
वाह सुबीर जी क्या जानकारी दी है। जलेबी मेरी मनपसंद मिठाई है इसका मतलव मेरी पसंद भारतीय है। अब ध्यान रखियेगा जब हम आपके सिहोर मे आयें तो जलेबी जरूर खिलायें । इस पोस्ट के लिये बधाई क्यों कि इससे ही हमे जलेबी खाने को मिलेगी।
वाह! राष्ट्रीय मिठाई!!
राष्ट्रीय नमकीन के बारे में पता चलें तो ज़रूर बताइएगा...वैसे मुझे लगता है कि भेलपूरी का दावा इसमें सबसे मज़बूत है।
कम से कम नए प्रतीकों में से कोई विदेशी तो नहीं है .. 24 से ही आप चौंक गए .. मेरे पास एक पत्रिका है .. जिसमें और बहुत सारे राष्ट्रीय प्रतीक दिए गए हैं .. मैं भी किसी दिन उसे पोस्ट करती हूं !!
अच्छा हुआ राष्ट्रिय ड्रिंक पर विचार नहीं हुआ ...वर्ना पता नहीं किसका नंबर आता?
जलेबी में जितने झल्ले उतने प्रतीक
Pratiyogita Darpan ke Warshik ank men bhi yahi likha hai....sab golmal hai.
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