कथाकार कवयित्री सुधा ओम ढींगरा के शिवना प्रकाशन द्वारा प्रकाशित कविता संग्रह सरकती परछाइयां का विमोचन हिन्दी चेतना अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में स्कारबरो सिविक सेण्टर, ओण्टेरियो कैनेडा में हुआ। वरिष्ठ कथाकार श्री महेश कटारे, प्रवासी कथाकारा डॉ.सुदर्शन प्रियदर्शिनी, श्री जो ली (काउन्सलर- मार्ख़म), भारत के काउन्सलेट जनरल श्री अखिलेश मिश्रा, हिन्दी चेतना के मुख्य सम्पादक श्री श्याम त्रिपाठी ने सकरती परछाइयां का विमोचन किया। पुस्तक तथा लेखिका का परिचय कहानीकार पंकज सुबीर ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर बोलते हुए डॉ सुधा ओम ढींगरा ने कहा कि इस संग्रह की कविताएं कुछ अलग तरह की कविताएं हैं तथा आशा है कि पाठक इन कविताओं को पसंद करेंगे। उन्होंने कहा कि कविता लिखना उनके लिए अपने आप से ही पहचान करने का एक जरिया रहा है। कविताएं अपने आप से संवाद स्थापित करने का तरीका है। पिछला कविता संग्रह धूप से रूठी चांदनी जिस प्रकार पाठकों ने पसंद किया था उसी से उत्साहित होकर इस संग्रह की भूमिका बनी। विमोचन के अवसर पर एक कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया । वरिष्ठ साहित्यकार रामेश्वर काम्बोज हिमांशु की अध्यक्षता में आयोजित कवि सम्मेलन में सुदर्शन प्रियदर्शिनी, पंकज सुबीर, अभिनव शुक्ल, धर्मपाल जैन, राज माहेश्वरी, शैलजा सक्सेना, शैल शर्मा, दीप्ति कुमार, सुधा ओम ढींगरा तथा श्याम त्रिपाठी ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। कवि सम्मेलन का संचालन अभिनव शुक्ल ने किया । इस अवसर पर बड़ी संख्या में हिन्दी प्रेमी और साहित्यकार उपस्थित थे ।
सरकती परछाइयां ( कविता संग्रह) डॉ. सुधा ओम ढींगरा
पृष्ठ 120, मूल्य 150 रुपये, वर्ष 2014
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