मित्रों, संरक्षक एवं सलाहकार संपादक, सुधा ओम ढींगरा, प्रबंध संपादक नीरज गोस्वामी, संपादक पंकज सुबीर, कार्यकारी संपादक, शहरयार, सह संपादक शैलेन्द्र शरण, पारुल सिंह, आकाश माथुर के संपादन में शोध, समीक्षा तथा आलोचना की अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका शिवना साहित्यिकी का वर्ष : 7, अंक : 27, त्रैमासिक : अक्टूबर-दिसम्बर 2022 अंक अब उपलब्ध है। इस अंक में शामिल हैं- आवरण कविता / चंद्रकांत देवताले। संपादकीय / शहरयार। व्यंग्य चित्र / काजल कुमार। संस्मरण आलेख- 'मलका-ए-मौसीक़ी'-रोशन आरा बेगम- पंकज पराशर। पुस्तक समीक्षा- दो परिंदे और नील कुरिंजी का फूल- हीरालाल नागर / दिनेश द्विवेदी, राजेश चंद्रा, आलोचना- दिनेश कुमार / शैलेश कुमार, डॉ. नीलम सिंह, काला सोना- केतन यादव / रेनू यादव, मेरी चयनित कहानियाँ- डॉ. पंकज साहा / माधव नागदा, वसन्त का उजाड़- गोविंद सेन / प्रकाश कान्त, एक्स वाई का ज़ेड- महेश कुमार / प्रभात रंजन, मन कस्तूरी रे- डॉ. जसविन्दर कौर बिन्द्रा / अंजू शर्मा, नई दिल्ली दो सौ बत्तीस किलोमीटर- डॉ. रमाकांत शर्मा / खेमकरण 'सोमन', कोई ख़ुशबू उदास करती है- सुषमा मुनीन्द्र / नीलिमा शर्मा, एक टुकड़ा आसमान- डॉ. जसविन्दर कौर बिन्द्रा / विनोद कुशवाहा, अकाल मृत्यु एवं अन्य कहानियाँ- योगेन्द्र शर्मा / डॉ. वेद प्रकाश अमिताभ, गुनगुनी चाय और स्त्री- मुकेश निर्विकार / कुन्तेष दहलान, कथा-सप्तक- दीपक गिरकर / सूर्यबाला, देखा सा मंज़र- प्रकाश कान्त / गोविन्द सेन, इन दिनों जो मैंने पढ़ा- सुधा ओम ढींगरा / दो गज़ ज़मीन / हरि भटनागर। कहानी पर चर्चा- ढोंड़ चले जै हैं काहू के संगे / पंकज सुबीर, वनमाली कथा / चर्चाकार : वीणा संवाद प्रकल्प। नई पुस्तक- कथा-सप्तक / ममता कालिया, अपने समय के साक्षी / नंद भारद्वाज, ज़िंदगी की सबसे सर्द रात / कृष्ण बिहारी, पॉर्न स्टार और अन्य कहानियाँ / वीणा वत्सल सिंह। शोध आलेख- मधु कांकरिया के उपन्यासों में स्त्री जीवन- मुनेन्द्र भाटी, हिन्दी साहित्यिक पत्रकारिता और नवलेखन का अन्तः संबंध- मीना शर्मा, स्त्री : अनामिका की नज़र में- भावना शाक्य, काम का अर्थ एवं परिभाषा : उदात्त जीवन के सन्दर्भ में- डॉ. विजय कुमार पटीर, मित्रो मरजानी : स्त्री जैविक अधिकारों का शंखनाद- शबनम भारतीय, नरेन्द्र कोहली की व्यंग्य-चेतना- डॉ. अजय के. पटेल, दलित साहित्यकारों के गद्य में दलितों की अभिव्यक्ति का स्वर- सीताराम खटीक, एक डूबते जहाज की अंतर्कथा में मध्यवर्ग पर चिंतन- ओमवती, मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों में कामकाजी स्त्री- डॉ.कल्पना आर.पटेल, हिन्दी कविता में वैश्विक नारी का सामाजिक चिंतन- डॉ.परमजीत एस.पनेसर, शेफाली के फूल उपन्यास में अभिव्यक्त स्त्री जागरण के स्वर- सरिता मीना, हिन्दी साहित्य में किन्नर जीवन का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण- सुमन, श्रीलाल शुक्ल की व्यंग्य चेतना- पटेल कमलेश कुमार, ठीकरे की मंगनी उपन्यास का तात्त्विक विवेचन- डॉ. भरत अ. पटेल, बौद्ध कालीन साहित्य और समाज में नारी जीवन की विवेचना- डॉ. पवन राजपुरोहित, भास के नाटकों में संगीत- डॉ. रीटा एच. पारेख, मानवीय मूल्यों के उद्घोषक : महात्मा गाँधी- डॉ. शीतल ए. अग्रवाल, वर्तमान परिप्रेक्ष्य में वेदकालीन न्यायिक महत्ता- डॉ. बी.बी. चौधरी, समय की सलवटें और 'समय सरगम' : कृष्णा सोबती- डॉ. अनिता भट्ट, मेहरुन्निसा परवेज़ के उपन्यासों में नारी संवेदना- डॉ. अर्जुन के. तड़वी, हिंदी आत्मकथा साहित्य में किन्नर जीवन- डॉ. सनोज पी.आर, Impact of Globalisation on Employment of Employees- Dr. Love Kumar, Impact of capacity Building to Promoting Human Resource- Rani Pal, Salt trade in the Chittagong Division- Sanjeev Kumar Dey। डिज़ायनिंग सनी गोस्वामी, सुनील पेरवाल, शिवम गोस्वामी। आपकी प्रतिक्रियाओं का संपादक मंडल को इंतज़ार रहेगा। पत्रिका का प्रिंट संस्करण भी समय पर आपके हाथों में होगा।
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आइए आज तरही मुशायरे को आगे बढ़ाते हैं मन्सूर अली हाश्मी जी के साथ, जो अपनी
दूसरी ग़ज़ल लेकर हमारे बीच उपस्थित हुए हैं
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*बस अब दीपावली का पर्व बीत रहा है। कल देव प्रबोधिनी एकादशी है जिसके साथ ही
आंशिक रूप से दीपावली का पर्व समाप्त हो जाता है। कहीं-कहीं यह कार्तिक
पूर्णिमा त...
2 weeks ago
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