पंडित जर्नादन एवं गीतकार रमेश हठीला को याद किया गया

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सीहोर। कवि एवं साहित्यकार कभी नहीं मरता है उसकी सशक्त रचनाओं एवं उच्च साहित्य के कारण सदा जिंदा रहकर समाज का मार्ग प्रशस्त करता रहता है। यह बात ब्ल्यू बर्ड स्कूल में आयोजित 33 वें जर्नादन शर्मा पुण्य स्मरण तथा गीतकार रमेश हठीला की श्रध्दाजंलि समारोह को संबोधित करते हुए देश के ख्यातनाम कवि शशिकांत यादव ने कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय विधायक रमेश सक्सेना ने की। इस अवसर पर विशेष अतिथि के रुप में नगर पालिका अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा भी उपस्थित थे।

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श्री यादव ने कहा कि समाज की कुंठा और वेदना को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कवि द्वारा किया जाता है उसकी साहित्य साधना तब और भी सफल हो जाती है जब लोग उसे अपने जीवन में उतारते है। उन्होंने कहा कि सीहोर शहर के वे लोग निश्चित रुप से बधाई के पात्र है जिन्होंने एक ऐसे कवि साथी का नाम 33 साल तक जिन्दा रखा है जिसका सीहोर में कोई नहीं रहता है। ऐसे आयोजन में शामिल होना एक तीर्थ के समान है जहां पूर्वजों को इतनी श्रध्दा के साथ याद किया जाता है। गीतकार रमेश हठीला के श्रध्दाजंलि अर्पित करते हुए श्री यादव ने कहा कि उनके गीतों में दूसरों के दर्द दिखाई देता था उनकी कमी साहित्य जगत को सदा खलेगी। विधायक रमेश सक्सेना ने कहा कि पंडित जर्नादन शर्मा ने सदा ही अपने जीवन में संघर्ष किया उनका कहना रहता था कि संघर्ष के समय अपना रास्ता खोजने वाला कभी नाकाम नहीं रहता है। विधायक श्री सक्सेना ने गीतकार रमेश हठीला को जीवट व्यक्ति की संज्ञा देते हुए कहा कि उन्होेंने अपनी रचनाओं से सदा लोगों को सीख देने का प्रयास किया सादगी से रहकर उन्होंने अपने कार्य क्षेत्र के साथ साथ जिस प्रकार से साहित्य सेवा की उसे आज की पीढ़ी को भी सबक लेने की जरुरत है।

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कार्यक्रम के विशेष अतिथि नपा अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा ने कहा कि कवि जर्नादन शर्मा और गीतकार रमेश हठीला ने सदा साहित्य का अलख जगाए रखा जिसे सीहोर के लोग कभी नहीं भूल पाएंगे। कवि साहित्यकार पंकज  सुबीर ने कहा कि जर्नादन शर्मा और रमेश हठीला दोनों ने अपनी सशक्त रचनाओं के कारण अलग पहचान बनाई थी और यह दोनों सदा ही अपनी रचनाओं के माध्यम से लोगों के दिलों में राज करते रहेंगे। कार्यक्रम को कन्या महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डा.बीसी जैन और साहित्यकार हरिओम शर्मा दाऊ ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में उपस्थित सभी लोगों ने दोनों दिवगंत आत्माओं के चित्रों के समक्ष पुष्प अर्पित किए और अंत में दो मिनिट का मौन धारण कर श्रध्दाजंलि अर्पित की। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार बसंत दासवानी ने किया तथा आभार  शैलेष तिवारी ने व्यक्त किया।

1 comments:

वीनस केसरी said...

पुन्य आत्मा को श्रद्धांजलि सुमन अर्पित करता हूँ