और आदिवासियों के बच्‍चों को दिया सीहोर के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने एक अनोखा खिलोना, जंगल में जाकर फैंके गए सरकारी मुफ्त वितरण के कंडोम

condom भारत में सारी सरकारी योजनाओं की हालत क्‍या है ये तो सभी को मालूम है पर फिर भी कभी कभी ऐसा कुछ हो जाता है जिसको देखकर सर शर्म से झुक जाता है । सीहोर जिले के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने ऐसा ही एक कृत्‍य किया है जो शर्मनाक तो है ही साथ ही सरकारी संपत्‍ती के हाल का बयान भी करता है । जनसंख्‍या नियंत्रण के लिये सरकारी अस्‍पतालों में मुफ्त में वितरण के लिये लाखों की संख्‍या में कंडोम भेजे जाते हैं । ये कंडोम उसके बाद स्‍वस्‍थ्‍य विभाग द्वारा स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों के माध्‍यम से लोगों में वितरण करवाए जाते हैं और उसके लिये बाकायदा टारगेट आदि दिया जाता है । मगर सीहोर जिले के स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों ने वितरण का एक अच्‍छा तरीका ये निकाला कि सारे कंडोम लेजाकर नादान के घने जंगलों में फैंक दिये । जंगलों के हवाले करने के परछे एक कारण ये भी था कि जब भी ऊपर से आला अफसर दौरे पर आते हैं तो अस्‍पतालों में लगे हुए कंडोम की पेटियों के ढेर को लेकर आपत्‍ती दर्ज करते हैं कि इनका वितरण क्‍यों नहीं किया जा रहा हे । कंडोम की पेटियों को जंगलों के हवाले करने के बाद ये कर्मचारी निश्चिंत हो गए कि अब तो लग गए ठिकाने सारे कंडोम । मगर जंगल में रहने वाले आदिवासियों के बच्‍चों को तो मानो खिलौना मिल गया और इनको उठाकर इनके साथ खेल करना प्रारंभ कर दिया है । हजारों की संख्‍या में पड़े कंडोम बच्‍चों के खेले का साधन बने हुए हें और वहां से गुजरने वाली यात्री बसों के यात्री जब इन बच्‍चों को देखते हैं तो स्‍वस्‍थ्‍य विभाग की बुद्धी पर तरस खाने के अलावा और कुछ नहीं कर पाते । आदिवासी बच्‍चों ने बताया कि ये पेटियां एक सफेद रंग की गाड़ी फैंक कर गई है और इस तरह की पेटियां अंदर जंगलों में काफी पड़ी हैं । चाहे जो भी इसके लिये जवाबदार हो पर एक बात तो सच है कि भारत में जिस भी चीज के साथ सरकारी लग जाता है फिर उसकी हालत क्‍या होती है ये नादान के जंगलों में पता चल जाता है ।

1 comments:

Udan Tashtari said...

बहुत शर्मनाक घटना है. इस पर उचित कार्यवाही होना चाहिये.