इस कहानी को ज़रूर पढ़ें और जान लें कि ये कहानी फिल्‍मी बिल्‍कुल नहीं है ये एक मां बेटी की कहानी है

कभी कोर्ट में काम कर मोटी तनख्वाह कमाने वाली एलएलबी पास साठ वृद्धा अपनी तीस साल बच्ची के साथ दर -दर भटकने को मजबूर है । उसे प्रताड़ित कर भगा दिया गया । वृद्धा अपनी बच्ची का जिला अस्पताल में इलाज करा रही है । रूधे गले से अपनी मुंह जबानी सुनाने वाली वृद्धा लक्ष्मी वर्मा का जीवन चक्र संघषों से घिरी किसी फिल्मी कहानी से साथ वृद्धावस्था आश्रम जाना चाहती है । मूलतः इंदौर निवासी वृद्धा बताती है कि उसके जीवन का संघर्ष जवानी में ही शुरू हो गया था । जब मासूम सी बेटी पुष्पा ओर उसे छोड़ पति ने अन्य महिला का दामन संभाल लिया था । वह कहती कि इसके बाद उसने अपनी छोटी सी बच्ची के साथ नर्स का कोर्स किया और धार अस्पताल में एएनएम के रूप में नियुक्त हो गई । काय्र के साथ पढ़ाई भी जारी रखी तथा एलएलबी कर लिया । इसके बाद वह वापस इंदौर आ गई और इंदौर में ही कोर्ट में काय्र करने लगी । जीवन की गाड़ी अच्‍छी तरीके से चल रही थी । बच्ची पुष्पा भी जवान हो गई थी । उसने ने भी केंद्रीय रिजर्व पुलिस में नौकरी ज्वाइन कर ली । इसके बाद एकाएक ऐसा समय आया कि जहां बच्ची पुष्पा को भी नौकरी छोड़ने पड़ी वहीं उसे भी इंदौर छोड़ने पड़ी वहीं उसे भी इंदौर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा । बच्ची के साथ अज्ञात लोगों द्वारा किए गए हमले ने उसे सीहोर लाकर छोड़ दिया । इस तरह करीब चार साल पहले उसका सीहोर से नाता जुड़ गया । उसने अपने बच्ची का जिला अस्पताल में करीब चार माह इलाज कराया। जैसे -तैसे करीब चार माह इलाज कराया । जैसे -तैसे उसकी बच्ची ठीक हुई और उसे तथा उसकी बच्ची को भोपाल के आसरा वृद्धावस्था आश्रम भिजवा दिया गया भोपाल में भी वह अपनी बच्ची के साथ तीन साल रही । उसके बाद वहां से भी उसकी रवानगी हो गइ्र और उसे रायसेन के महात्मा गांधी वृद्धांश्रम में जगह मिली । रोते हुए वृद्धा ने बताया कि संघषों की कहानी यहीं खत्म नहीं हुई । रायसेन के वृद्धावस्था आश्रम में भी उसे तथा उसकी बच्ची को प्रताड़ित किया जाने लगा । आश्रम में उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जाता रहा । आश्रम प्रबंधन  द्वारा आश्रम छोड़ने के लिए मारपीट तक की गई । बच्ची पुष्पा के साथ भी मारपीट की गई। बच्ची की खराब हालत और प्रताड़ना से तंग आकर वह वापस सीहोर आ गई आर अपनी बच्ची को जिला अस्पताल में उसकी बच्ची पिछले २२ सितंबर से भर्ती है । लक्ष्मी कहती है कि वह वृद्धाश्रम में जाना चाहती है ,लेकिन लेकिन तीस वर्षीय लड़की पुष्पा को साथ रखने तीस वर्षीय लड़की पुष्पाको साथ रखने से मना करते है वह कहती है अपनी इकलौती बच्ची कोकहां छोड़े । लक्ष्मी को कोई भी वृद्धाश्रम में रखने को तैयार नहीं है ।

1 comments:

Udan Tashtari said...

दुख भरी कहानी है.