सुनिये एक आदमी की कहानी जिसको शादी का लालच दिखा कर ठगती रहीं मां और बेटी

उस बेचारे को कब पता था कि उसके साथ तो एक खेल खेल रहीं हैं दोनों मां और बेटी । उसे तो बस इतना पता था कि उसको एक दुल्‍हन की ख्‍वाहिश थी और बेटी के शादी की उसे उम्‍मीद बंधाई गई थी । मध्‍य प्रदेश के सीहोर जिले के रफीक खां ने एक बड़ा ही विचित्र सा आवेदन सीहोर की पुलिस को दिया है । आवेदन तो ठगी का है पर पुलिस के सामने बड़ी ही अनोखी समस्‍या ये आ रही है कि वो इस मामले में क्‍या करे । मामला दरअस्‍ल में ये है कि शहनाज बी ने रफीक को अपनी बेटी के साथ शादी की स्‍वीकृति देकर कहा कि पैसे जमा करों और जब पैसे जमा हो जाऐंगे तो मैं अपनी बेटी की शादी तुम्‍हारे साथ कर दूंगी । रहा सवाल खर्च का तो तुम हमारे साथ ही रहना हमारा खर्च तुमको ही उठाना पड़ेगा और पैसे जो तुम जमा करवाओगे उससे तुम्‍हारी शादी हो जाएगी । बेचारा रफीक झांसे में आ गया और मां बेटी के साथ्‍ा ही रहने लगा हालत ये हो गई कि आस पास वाले तो उसे उस घर का ही दामाद मानने लगे । 2004 से अब तक ये युवक जो कुछ भी कमाता उसको मां बेटी के हाथ में लाकर रख देता इस तरह से इन तीन सालों में उसने काफी पैसा मां बेटी को दे दिया इस उम्‍मीद में कि अब जल्‍दी ही उसकी शादी हो जाएगी । चार सालों से मां बेटी के घर का खर्च भी वो ही उठा रहा था । मगर हाय री किस्‍मत जब काफी पैसे जमा हो गए तो मां बेटी ने उसको घर से निकाल दिया । बेचारा रफीक तो कहीं का भी नहीं रहा । उसके सपनों में तो दुल्‍हन नज़र आती थी मगर यहां तो दर दर की ठोकर मिल गईं । थक हार कर वो पुलिस के पास पहुच गया और ठगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई । मगर पुलिस अभी तय नहीं कर पा रही है कि ठगी हुई भी या नहीं । मंडी थाना पुलिस का कहना है कि अभी जांच चल रही है कि क्‍या किया जाए । रफीक का वही हाल है कि न खुदा ही मिला न विसाले सनम न इधर के रहे न उधर के रहे ।

3 comments:

Udan Tashtari said...

अब रफीक पर दया दिखाऊँ या नाराज होऊँ-समझ नहीं आता.

राकेश खंडेलवाल said...

सचमुच ही समीर भाईकी दुविधा हमारी भी है

Asha Joglekar said...

अ रे रे बेचारा ...