सीहोर मध्य प्रदेश के सीहोर जिले की इछावर तहसील का कार्यालय इन दिनों एक बड़ी ही विचित्र परेशानी में उलझ गया है और ये परेशानी है एक मुर्दे द्वारा प्रमाण पत्र मांगा जाना। पिछले साल मर चुके एक व्यक्ति ने बाकयदा आवेदन पत्र देकर तहसील कार्यालय से अनुरोध किया है कि उसको आय जाति और मूल निवासी का प्रमाण पत्र चाहिये । अब जाति तक तो ठीक है पर तहसील कार्यालय के लोग परेशान हैं कि उस मुर्दे को कहां का मूल निवासी बताएं स्वर्ग का या फिर नर्क को और उसकी आय क्या बताई जाए क्योंकि स्वर्ग या नर्क में वो क्या कर रहा है ये तो तहसील वालों को पता ही नहीं है ।इछावर के नायब तहसीलदार को ग्राम उमरखाल के दतार सिंह पुत्र कन्हैयालाल के नाम से उनके पुत्र सीरेन ने आय, जाति तथा मूल निवासी प्रमाण पत्र बनाने का आवेदन मिला है । इस आवेदन के साथ ही दतार सिंह का हस्ताक्षर युक्त शपथ पत्र भी लगा है । इसके अलावा पटवारी गोविंद सिंह और ग्राम पंचायत का प्रमाण पत्र भी आवेदन के साथ लगा हुआ है । अब हकीकत ये है कि दतार सिंह की मौत दो साल पहले ही हो चुकी है । ग्राम के पंचायत सचिव अजब सिंह के अनुसार तो दतार सिंह दो साल पहले ही मर चुका है ।उधर दतार सिंह के पुत्र सीरेन ने बताया कि उसने लखन सिंह निवासी गोयलखेड़ी को प्रमाण पत्र संबंधी सभी कागज तैयार करने के दौ सौ रुपये दिये हैं और उसने लखन सिंह को पहले ही बता दिया था कि दतार सिंह की मौत दो साल पहले ही हो चुकी है । जिस पर लखन सिंह ने कहा था कि उससे कुछ नहीं होता मैं सब करवा दूंगा । और उसीने ही सारे कागज जिसमें दो साल पहले मर चुके दतार सिंह का नोटरी का शपथ पत्र भी शामिल है तैयार करवा के आवेदन नायब तहसीलदार को दिया है ।उध आवेदन तैयार करवानें वाले लखन सिंह का कहना है कि उसे नहीं पता था कि दतार सिंह की मौत हो चुकी है । तथा सीरेंन ने ख़ुद ही अपने पिता के स्थान पर हस्ताक्षर कर दिये थे शपथ पत्र पर । उसका इसमें कोई कसूर नहीं है ।कुल मिलाकर बात वही आ रही हे कि बाकायदा एक मरे हुए व्यक्ति के नाम से न केवल आवेदन दिया गया हे बल्कि उसके साथ में शपथ पत्र भी दिया गया है और ये सभी को मालूम है कि शपथ पत्र के लिये नोटरी के सामने उपस्थित होना पड़ता है । खैर बात चाहे जो भी हो पर फिलहाल तो तहसील के कर्मचारी इस अलग तरह की परेशानी में पड़ ही गए हैं कि उस मरे हुए व्यक्ति को कहां का मूल निवासी बताएं और उसकी आय क्या बताई जाए । उधर मुर्दा भी इंतेजार में है कि देखें उसको कहां का मूल निवासी घोषित किया जाता है स्वर्ग का या फिर नर्क का । सुबीर संवाद सेवा के लिये पंकज सुबीर
आइए आज तरही मुशायरे को आगे बढ़ाते हैं मन्सूर अली हाश्मी जी के साथ, जो अपनी
दूसरी ग़ज़ल लेकर हमारे बीच उपस्थित हुए हैं
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2 weeks ago
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