वो भारत की हॉकी टीम के लिये अपनी आधी तनख्‍वाह देना चाहता है उसका कहना है कि वो भी तो देश के लिये खेले और जीते फिर उनका सम्‍मान क्‍यों नहीं

भले ही कर्नाटक में हॉकी खिलाड़ी धमकी दे रहे हैं कि उनको मुख्‍यमंत्री के घर के सामने भूख हड़ताल करनी पड़ेगी तो वे ये भी करेंगें । मगर मध्‍यप्रदेश के शुजालपुर के रहने वाले 48 वर्षीय प्रफुल्‍ल चौबे का तो ये मानना है कि वे तो अपनी आधी तनख्‍वाह ही भारत की हॉकी टीम को पुरुस्‍कार के रूप में देने को तैयार हैं । श्री चौबे जनपद पंचायत में सब इंजीनियर हैं और वैसे वे हॉकी के खिलाड़ी भी नहीं है बल्कि वे क्रिकेट के ही खिलाड़ी रहे हैं किंतु उनका मानना है कि देश ने एशिया कप जीतने वाली हॉकी टीम के साथ दोयम व्‍यवहार करके अच्‍छा नहीं किया है । देश्‍ा और सरकार द्वारा की गई ग़लती की भरपाई वे स्‍वयं करना चाहते हैं और वे स्‍वयं ही भारत की हॉकी टीम को पुरुस्‍कार देना चाहते हैं । पर उनका कहना है कि वे चूंकि इतने समर्थ नहीं हैं कि वे लाखों रुपये दे पाएं फिर भी वे इतना तो कर ही सकते हैं कि वे अपने वेतन का आधा हिस्‍सा भारत की हॅकी टीम को पुरुस्‍कार के रूप में दे दें । वे अक्‍टूबर माह में मिलने वाली अपनी तनख्‍वाह का आधा हिस्‍सा भारत की हॉकी टीम को भेज देंगे । उनका मानना है कि इससे शायद एक मुहिम चालू हो जाए और सरकारों को भी होश आ जाए कि हॉकी की टीम ने भी देश का नाम बढ़ाया है । उनका कहना है कि अभी आस्‍ट्रेलिया की टीम आई है उससे एक दो मैच हारे कि फिर वही शुरू हो जाएगा आलोचना आलोचना । श्री चौबे के अनुसार भारत के क्रिक्रेट विश्‍व कप में खराब प्रदर्शन के बाद अन्‍य खेलों को बढ़ावा मिलना चालू हुआ था । पर अब वापस वही हो रहा है । वे एक संदेश की तरह अपनी आधी तनख्‍वाह देकर एक मुहिम को चालू करना चाहते है और चाहते हैं कि पूरा देश उन हॉकी के खिलाडि़यों के लिये पुरुस्‍कार एकत्र करे जिनकी सुध सरकारें नहीं ले रहीं हैं । वे कहते हैं कि भले ही ये एक बड़ी राशि नहीं है जो मैं भेज रहा हूं पर फिर भी ये मेरी भावना है और मेरी भावना उन हॉकी खिलाडि़यों से जुड़ी हैं जो बिना किसी प्रोत्‍साहन के भी देश के लिये कप जीत कर ला रहे हैं ।

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